कौमोदकी एक संस्कृत शब्द है जिसके कई अर्थ हैं। कौमोदकी का अर्थ है “मन को वश में करने वाली”। यह भगवान विष्णु की गदा का नाम है। यह गदा अत्यंत शक्तिशाली और विनाशकारी है। यह माना जाता है कि यह गदा भगवान विष्णु को उनके शत्रुओं को पराजित करने में मदद करती है।
कौमोदकी गदा का नामकरण समुद्र के एक द्वीप “कौमोदक” के नाम पर किया गया है। यह द्वीप समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुआ था। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने इस गदा को समुद्र मंथन से प्राप्त किया था।
कौमोदकी गदा का चित्रण अक्सर भगवान विष्णु की मूर्तियों में किया जाता है। भगवान विष्णु को अक्सर अपने चार हाथों में से एक में कौमोदकी गदा पकड़े हुए दिखाया जाता है।
कौमोदकी शब्द का उच्चारण कौ-मो-दा-की होता है। कौमोदकी शब्द स्त्रीलिंग है।
हिंदू शास्त्र में कौमोदकी शब्द के मूल्य अनुसार अलग-अलग अर्थ है
1. भगवान विष्णु की गदा:
यह कौमोदकी का सबसे प्रसिद्ध अर्थ है। यह गदा इंद्र द्वारा भगवान विष्णु को भेंट में दी गई थी।
इसे “मन को वश में करने वाली” भी कहा जाता है। भगवान विष्णु को अक्सर अपने चार हाथों में से एक में कौमोदकी पकड़े हुए चित्रित किया जाता है।
कौमोदकी को भगवान विष्णु के चार प्रमुख चिन्हों में से एक माना जाता है। उन्हें अक्सर अपने दाहिने हाथ में इसे धारण किए हुए दिखाया जाता है, जबकि उनके बाएं हाथों में सुदर्शन चक्र, पांचजन्य शंख और कमल का फूल होता है। विष्णु के कुछ अवतारों जैसे मत्स्य, कूर्म, वराह और नरसिंह को भी कभी-कभी कौमोदकी धारण किए हुए चित्रित किया जाता है।
2. भगवान हनुमान की गदा :
भगवान हनुमान को यह गदा धन के राजा कुबेर ने दी थी । उसका नाम भी कौमोदकी है। यह गदा भगवान हनुमान की शक्ति और उनके प्रभाव को दर्शाती है।
2. कमल का फूल:
कमल की सुंदरता को भी कौमोदकी कहा जाता है। थी भगवान विष्णु का प्रिय फूल कमल भी था । यह पवित्रता, सुंदरता और ज्ञान का प्रतीक है।
3. चंद्रमा:
आसमान में दिखाते सुंदर चंद्रमा को भी कौमोदकी कहा जाता है। यह शीतलता, शांति और प्रेम का प्रतीक है।
4. एक नदी:
भारत में कौमोदकी नाम की एक नदी भी है। यह नदी मध्य प्रदेश में बहती है। नदी के साथ-साथ अब भारत में कहीं जगह पर लोग कौमोदकी नाम रखते हैं। कुछ लोग अपनी प्रिय गाय का नाम भी रखते हैं।
कौमोदकी शब्द का प्रयोग हिंदी और संस्कृत साहित्य में अक्सर किया जाता है। क्योंकि यह शब्द सुंदरता की निशानी को दर्शाता है
जैसे कहें हिंदी पुराणों में “भगवान विष्णु ने कौमोदकी से राक्षसों का वध किया।” “कौमोदकी का फूल तालाब में खिल रहा है।” “कौमोदकी की चांदनी रात में बहुत सुंदर है।”