Hanuman Bahuk Paath Lyrics PDF Text Hindi | हनुमान बाहुक: शक्तिशाली स्तोत्र, लाभ और रहस्य

हनुमान बाहुक, भगवान हनुमान जी की स्तुति में रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसकी रचना महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने संवत 1664 विक्रमाब्द के आसपास की थी।

कहा जाता है कि जब तुलसीदास जी को “वात-व्याधि” नामक एक गंभीर बीमारी हो गई थी, जिसके कारण उनके शरीर में असहनीय पीड़ा हो रही थी थी। उन्होंने इस बीमारी से मुक्ति पाने के लिए अनेक आयुर्वेदिक उपाय किए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

निराश होकर, उन्होंने भगवान हनुमान जी की शरण ली और उनकी भक्ति में लीन हो गए। उन्होंने हनुमान जी की स्तुति करते हुए “हनुमान बाहुक” स्तोत्र की रचना की।

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Enjoy this beautiful rendition of Hanuman Bahuk in Hindi!

यहां पर हमने आपको तुलसीदास रचित हनुमान बाहुक स्तोत्र का वर्णन हिंदी भाषा में किया है जिसे आप अच्छी तरह पढ़ सकते हैं।

हनुमान बाहुक स्तोत्र (Hanuman Bahuk) Pdf

निशुल्क डाउनलोड करें! हनुमान बाहुक स्तोत्र (Hanuman Bahuk Stotra) पीडीएफ हिंदी में। यह 44 चौपाइयों का शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की वीरता, बुद्धि, शक्ति और भक्ति का वर्णन करता है। हनुमान बाहुक पाठ करने से संकटों से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

Hanuman Bahuk Video

हनुमान बाहुक का पाठ आप वीडियो देखकर भी कर सकते हैं यहां पर हमने जाने-माने हनुमान भक्त आंजनेय शर्मा उपनाम अंजुल उनके द्वारा गाया गया श्री हनुमान बाहुक पाठ का संपूर्ण वीडियो आपको देखने को मिलेगा ।

हनुमान बाहुक पाठ का वीडियो

हनुमान बाहुक पाठ के लाभ: Benefits of Hanuman Bahuk

स्तोत्र का महत्व: हनुमान बाहुक को एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित पाठ से न केवल शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है, बल्कि भय, ग्रह बाधाएं, कालसर्प दोष, शनि की पीड़ा जैसी अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है। इसके अलावा, इस स्तोत्र का पाठ मनोकामना पूर्ति और सफलता के लिए भी प्रभावशाली माना जाता है।

हनुमान बाहुक के काफी फायदे हे जो हनुमान जी का पाठ करने से प्राप्त होते हैं।

  • भय, शत्रु, रोग, बाधा आदि से मुक्ति
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  • मनोकामना पूर्ति
  • कुंडली दोषों का निवारण
  • ग्रहों की शांति
  • व्यापार में वृद्धि
  • संतान प्राप्ति
  • वैवाहिक सुख

हनुमान बाहुक का पाठ करने की विधि:

हनुमान जी की प्रतिमा या मूर्ति: यह पूजा का मुख्य केंद्रबिंदु है। आप अपनी पसंद के अनुसार धातु, पत्थर या लकड़ी की मूर्ति चुन सकते हैं। श्री राम की प्रतिमा या मूर्ति (वैकल्पिक): यदि आपके पास श्री राम की प्रतिमा या मूर्ति है, तो आप इसे हनुमान जी के बगल में रख सकते हैं। घी का दीपक: घी का दीपक प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है। आप एक या कई दीपक जला सकते हैं। जल से भरा पात्र: जल का पात्र पवित्रता का प्रतीक है।

चंदन: चंदन का टीका लगाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। फूल: आप हनुमान जी को गुलाब, मोगरा, या चंपा जैसे फूल अर्पित कर सकते हैं। धूप: धूप जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगरबत्ती: अगरबत्ती की सुगंध मन को शांत करती है और एकाग्रता बढ़ाती है। मिठाई: हनुमान जी को लड्डू, बर्फी, या पेठा जैसी मिठाई का भोग लगा सकते हैं। फल: आप हनुमान जी को केला, संतरा, या अनार जैसे फल अर्पित कर सकते हैं।

विधि:

  1. स्नान और स्वच्छता: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  2. पूजा स्थान: पूजा स्थान को स्वच्छ कर लें।
  3. आसन: पूजा स्थान पर पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें।
  4. प्रतिमा स्थापना: हनुमान जी की प्रतिमा या मूर्ति को आसन पर स्थापित करें। आप चाहें तो श्री राम की प्रतिमा भी उनके बगल में रख सकते हैं।
  5. दीप प्रज्वलन: घी का दीपक जलाकर हनुमान जी के समक्ष रखें।
  6. आचमन: जल से आचमन करें।
  7. संकल्प: हनुमान बाहुक पाठ का संकल्प लें।
  8. पाठ: हनुमान बाहुक स्तोत्र का पाठ धीमी गति से और स्पष्ट उच्चारण के साथ करें।
  9. आरती: हनुमान जी की आरती गाएं।
  10. भोग: हनुमान जी को मिठाई और फल का भोग लगाएं।
  11. प्रार्थना: अपनी मनोकामना हनुमान जी से प्रार्थना करें।
  12. समाप्ति: हनुमान जी को प्रणाम करके पूजा समाप्त करें।

हनुमान बाहुक का पाठ कब करना चाहिए

  • हनुमान बाहुक का पाठ मंगलवार, शनिवार या रविवार को करना शुभ माना जाता है।
  • पाठ का प्रारंभ सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करना चाहिए।
  • पाठ करते समय ध्यान केंद्रित करें और मन को भटकने न दें।
  • स्तोत्र का पाठ करते समय गलती न हो, इसलिए पहले से अभ्यास कर लें।
  • अपनी क्षमतानुसार पाठ के चक्रों की संख्या निर्धारित करें।
  • नियमित रूप से हनुमान बाहुक का पाठ करने से भय, शत्रु, रोग, बाधा आदि से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

नियमित रूप से: अगर आप नियमित रूप से हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहते हैं, तो आप हर मंगलवार, शनिवार या रविवार को पाठ कर सकते हैं।

ऐसा माना जाता है हनुमान बाहुक का पाठ करने से सो हनुमान चालीसा जितना लाभ मिलता है फिर भी आप उसका पाठ अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं आठ बार 108 बार 1008 बार इसके लिए संकल्प ले सकते हैं 1 साल 2 साल 3 साल आपकी मर्जी के मुताबिक।

विशेष अवसरों पर: आप विशेष अवसरों जैसे कि हनुमान जयंती, मंगलवार या पूर्णिमा के दिन भी पाठ कर सकते हैं।

मनोकामना पूर्ति के लिए: यदि आप मनोकामना पूर्ति के लिए पाठ करना चाहते हैं, तो आप नौ दिनों तक लगातार पाठ कर सकते हैं।

क्षमतानुसार: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपनी क्षमतानुसार पाठ करें। यदि आप अधिक बार पाठ कर सकते हैं तो अच्छा है, लेकिन कम बार पाठ करने से भी लाभ होता है।

यह भी ध्यान रखें:

  • हनुमान बाहुक का पाठ केवल तभी प्रभावशाली होता है जब आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका पाठ करते हैं।
  • पाठ के साथ-साथ आपको अच्छे कर्म भी करने चाहिए।

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