चैत्र नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवरात्रि का धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व है। यह त्योहार हमें देवी दुर्गा की शक्ति और दया का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

चैत्र नवरात्रि 2024 की नवमी तिथि 17 अप्रैल 2024, बुधवार को है।

नवमी तिथि प्रारंभ: 16 अप्रैल 2024, मंगलवार, दोपहर 01:23 बजे नवमी तिथि समाप्त: 17 अप्रैल 2024, बुधवार, दोपहर 03:14 बजे

महानवमी पूजा मुहूर्त:

  • अभिजित मुहूर्त: 11:53 AM से 12:42 PM तक
  • विजय मुहूर्त: 02:24 PM से 03:13 PM तक

चैत्र नवरात्रि, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि को शक्ति की नवरात्रि भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि इस समय देवी दुर्गा धरती पर विराजमान होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन नव वर्ष का प्रतीक है। इस समय भक्त उपवास करते हैं, देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, और कन्या पूजन करते हैं।

  • हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए, यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
  • चैत्र नवरात्रि को हिंदू नव वर्ष की शुरुआत भी माना जाता है।

ज्योतिषीय महत्व:

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि यह सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है।

  • चैत्र नवरात्रि को ज्योतिषीय नववर्ष की शुरुआत माना जाता है।
  • इस समय सूर्य ग्रह मेष राशि में प्रवेश करता है, जो नवीन ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है।
  • चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन रामनवमी के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान राम के जन्मदिन का प्रतीक है।
  • इस दौरान ग्रहों की स्थिति शुभ होती है, जिसके कारण भक्तों को देवी दुर्गा की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।

आध्यात्मिक महत्व:

  • चैत्र नवरात्रि को आत्म-शुद्धि का समय माना जाता है। चैत्र नवरात्रि आध्यात्मिक जागरण और आत्म-शुद्धि का समय है।
  • चैत्र नवरात्रि को ‘शक्ति नवरात्रि’ और ‘वासंतिक नवरात्रि’ भी कहा जाता है।
  • इस समय भक्त उपवास, पूजा, और ध्यान के माध्यम से अपने मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं।
  • चैत्र नवरात्रि अध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने का भी समय है।
  • यह समय नकारात्मक विचारों और भावनाओं को त्यागने और सकारात्मकता को अपनाने का है।

चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन ‘दशमी’ के रूप में मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि का त्योहार भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी मनाया जाता है।

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