हनुमान जी की रामायण में भूमिका

हनुमान जी की रामायण में महत्वपूर्ण और केंद्रीय भूमिका है। वह प्रभु श्री राम के सर्वप्रिय भक्त है । उनका चरित्र महान बल, निष्ठा, और सेवा का प्रतीक है। हनुमान जी ने रामायण की विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई। यहाँ हमने हनुमान जी की रामायण में मुख्य भूमिकाओं के बारे में बताया है :

1. श्रीराम से भेंट

हनुमान जी की पहली महत्वपूर्ण भूमिका तब शुरू होती है जब वह सुग्रीव के संदेशवाहक के रूप में श्रीराम और लक्ष्मण से मिलते हैं। हनुमान जी श्रीराम के प्रति अपनी निष्ठा और सेवा को दर्शाते हैं और उनके सबसे वफादार भक्त बन जाते हैं।

2. सीता जी की खोज

जब रावण सीता जी का अपहरण कर उन्हें लंका ले जाता है, तब हनुमान जी को सीता जी की खोज करने का कार्य सौंपा जाता है। अपने अद्वितीय बल और क्षमता के कारण हनुमान जी समुद्र पार करके लंका पहुंचते हैं और माता सीता को ढूंढते हैं।

3. अशोक वाटिका में सीता जी से मुलाकात

लंका पहुंचकर हनुमान जी अशोक वाटिका में सीता जी से मिलते हैं और श्रीराम का संदेश उन्हें देते हैं। वह सीता जी को यह आश्वासन भी देते हैं कि श्रीराम जल्द ही उन्हें रावण के चंगुल से मुक्त कराएँगे।

4. लंका में राम का संदेश

हनुमान जी ने लंका में श्रीराम का संदेश रावण को भी सुनाया। उन्होंने रावण को श्रीराम की शक्ति और उनके धैर्य के बारे में बताया, और उसे सीता जी को वापस लौटाने की सलाह दी।

5. लंका दहन

रावण के दरबार में कैद किए जाने और अपमानित किए जाने के बाद, हनुमान जी ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और लंका को जलाकर अपनी शक्ति और भक्ति को साबित किया।

6. संजीवनी बूटी लाना

लंका में युद्ध के दौरान, जब लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं, तो हनुमान जी अपनी तेज गति और शक्ति से संजीवनी बूटी लाकर उनकी जान बचाते हैं।

7. राम-रावण युद्ध में भूमिका

हनुमान जी ने राम-रावण युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह श्रीराम की सेना के प्रमुख योद्धा थे और उन्होंने युद्ध में अपने अद्वितीय बल और रणनीति का प्रदर्शन किया।

8. अयोध्या लौटने पर

लंका पर विजय प्राप्त करने और सीता जी को वापस लाने के बाद, हनुमान जी श्रीराम के साथ अयोध्या लौटते हैं और उनके राज्याभिषेक में शामिल होते हैं।

हनुमान जी की रामायण में भूमिका न केवल एक सेवक और योद्धा के रूप में है, बल्कि वह श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति और निष्ठा का प्रतीक भी हैं। उनका चरित्र आदर्श सेवा, निष्ठा और बलिदान की मिसाल प्रस्तुत करता है।

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