नीम करोली बाबा हनुमान जी ओर हनुमान चालीसा के प्रति अत्यंत श्रद्धा रखते थे। वे इसे एक अत्यंत शक्तिशाली और भक्तिमय रचना मानते थे।
कई प्रमाण हैं जो उनकी इस श्रद्धा को दर्शाते हैं:
- हनुमान चालीसा का पाठ: बाबा जी स्वयं नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते थे और अपने भक्तों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
- हनुमान जी की प्रतिमा: उनके आश्रम में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित हे, जहाँ वे पूजा करते थे और ध्यान लगाते थे।
- चमत्कारों का संबंध: कहा जाता है कि बाबा जी ने हनुमान चालीसा के माध्यम से कई चमत्कार किए थे, जैसे कि बीमारों को ठीक करना और लोगों की मुश्किलों को दूर करना।
- शिक्षा: बाबा जी अपने भक्तों को सिखाते थे कि हनुमान चालीसा का पाठ मन को शुद्ध करता है, भक्ति भाव पैदा करता है और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
हनुमान चालीसा के प्रति उनकी श्रद्धा इतनी गहरी थी कि वे इसे “मोक्ष मंत्र” भी कहते थे।
यह कहना गलत नहीं होगा कि नीम करोली बाबा के लिए हनुमान चालीसा केवल एक धार्मिक रचना नहीं थी, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका था।
यह कहा जाता है कि जब वे समाधि में प्रवेश कर रहे थे, तब उन्होंने हनुमान चालीसा का ही पाठ किया था।
- बाबा जी का हनुमान जयंती उत्सव: बाबा जी हनुमान जयंती को बड़े उत्साह से मनाते थे। इस दिन, वे हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ का आयोजन करते थे और भक्तों को प्रसाद वितरित करते थे।
- हनुमान चालीसा का महत्व: बाबा जी मानते थे कि हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान की शक्ति और भक्ति का सार समाहित है। उनका मानना था कि जो कोई भी श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका पाठ करता है, उसे अवश्य लाभ मिलता है।
नीम करोली बाबा के कुछ प्रसिद्ध कथन हनुमान चालीसा के बारे में:
- “हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की स्तुति का अमृत है।”
- “जो कोई नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे जीवन में सभी प्रकार की सफलता प्राप्त होती है।”
- “हनुमान चालीसा मन को शांत करने और आध्यात्मिक प्रगति के लिए एक शक्तिशाली साधन है।”
नीम करोली बाबा, हनुमानजी के परम भक्त थे। उन्होंने इस भक्तिमय रचना को भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक शक्तिशाली साधन माना।
आज भी, उनके अनुयायी उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करते हैं।
जय बजरंगबली