ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् यह मन्त्र भगवान हनुमान जी को समर्पित है, जो हिन्दू धर्म में शक्ति, भक्ति और ज्ञान के देवता हैं। यह मन्त्र हनुमान जी का आशीर्वाद और रक्षा प्राप्त करने, बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने में सहायक माना जाता है।
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् मन्त्र का अर्थ:
हनुमान जी के काफी सारे मंत्र है। जो उनके परम भक्त उनकी भक्ति के हिसाब से उनका जाप करते हैं। यह मंत्र अपने आप में ही शक्तिशाली मंत्र है जिसके काफी सारे फायदे हैं ।
- ॐ: यह हिन्दू धर्म का पवित्र शब्द है, और इसका उच्चारण अक्सर मन्त्रों के आरंभ और अंत में किया जाता है।
- हं: यह हनुमान जी का नाम है।
- हनुमते: यह हनुमान जी का सम्बोधन है, जिसका अर्थ है “हे हनुमान जी।”
- रुद्रात्मकाय: इसका अर्थ है “वे जो रुद्र के समान हैं,” हनुमान जी की शक्ति और पराक्रम का उल्लेख करते हुए।
- हुं: यह बीज मन्त्र है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें बाधाओं को दूर करने की शक्ति है।
- फट्: यह बीज मन्त्र है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने की शक्ति है।
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् मन्त्र जपने के लाभ:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् मन्त्र जपने के अनेक लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: यह मन्त्र नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने में सहायक माना जाता है।
- बाधाओं का नाश: यह मन्त्र जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।
- शक्ति और साहस में वृद्धि: यह मन्त्र शक्ति और साहस में वृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।
- एकाग्रता और ध्यान में सुधार: यह मन्त्र एकाग्रता और ध्यान में सुधार करने में सहायक माना जाता है।
- भक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि: यह मन्त्र भक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।
मन्त्र जपने की विधि:
यदि आप ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् मन्त्र का जप करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- एक शांत स्थान चुनें जहाँ आपको कोई परेशान न करे।
- सीधे रीढ़ की हड्डी के साथ आरामदायक मुद्रा में बैठें।
- अपनी आँखें बंद करें और कुछ गहरी साँसें लें।
- धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से मन्त्र का जप करना प्रारंभ करें।
- आप मन्त्र का जप ऊँची आवाज में या मौन रूप से कर सकते हैं।
- यदि आप ऊँची आवाज में जप कर रहे हैं, तो आप जप की गिनती रखने के लिए माला का उपयोग कर सकते हैं।
- मन्त्र जप करते समय मन्त्र के अर्थ पर ध्यान केंद्रित करें।
- अपनी इच्छानुसार जितनी बार चाहें मन्त्र का जप करें।
मंत्र जपने में इन बातोंका भी ध्यान रखें
- नियमित रूप से जप करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।
- सकारात्मक भावना के साथ जप करें।
- गलतियों की चिंता न करें।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जप करते समय आप ईमानदार और भक्ति भाव से परिपूर्ण हों।