हिंदू धर्मग्रंथों और लोक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी चिरंजीवी है, और वह अनंत काल तक जीवित रहेंगे। हनुमान जी का उल्लेख काफी पौराणिक ग्रंथों में है ।
महाभारत जो की विश्व का सबसे बड़ा ग्रंथ है उसमें भी हनुमान जी का उल्लेख है। और पहले रामायण हुई उसके बाद महाभारत रामायण के बाद महाभारत काल में भी हनुमान जी का वर्णन है । वही दोनों के बीच 9 लाख साल का अंतर है। माना जाता है।
हनुमान जी का वर्णन विभिन्न ग्रंथों में
हनुमान जी, शक्ति, भक्ति और बुद्धि के प्रतीक हे , कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी का वर्णन है।
- वाल्मीकि रामायण: यह आदिकाव्य हनुमान जी की वीरता, भक्ति और बुद्धि का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करता है। यहाँ उनके राम के प्रति अटूट भक्ति, सीता की खोज में उनकी भूमिका, और लंका दहन जैसे कारनामे प्रमुखता से वर्णित हैं।
- महाभारत: इस महाकाव्य में भी हनुमान जी की छोटी परंतु महत्वपूर्ण भूमिका है। भीम के साथ उनकी मुलाकात और अर्जुन के रथ पर विराजमान होकर उनकी रक्षा करना प्रमुख प्रसंग हैं।
- पुराण: विभिन्न पुराणों में, जैसे की स्कन्द पुराण और नारद पुराण में, हनुमान जी की उत्पत्ति, उनके बचपन के कारनामे, और उनकी शक्तियों का वर्णन मिलता है।
- हनुमान चालीसा: यह तुलसीदास द्वारा रचित एक प्रसिद्ध भक्ति स्तोत्र है जो हनुमान जी की शक्ति, साहस और भक्ति का गुणगान करता है।
- रामचरितमानस: तुलसीदास के इस महाकाव्य में भी हनुमान जी का विस्तृत वर्णन है और उनकी राम के प्रति भक्ति को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान किसने दिया था।
हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान भगवान राम ने स्वयं दिया था यह वरदान रामचरितमानस के अनुसार लंका विजय के बाद दिया गया था । वहीं कुछ पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यह वरदान उन्हें माता सीता ने दिया था ऐसा माना जाता है। हनुमान जी की अटूट भक्ति, निस्वार्थ सेवा और अद्भुत पराक्रम से प्रसन्न होकर, भगवान राम ने उन्हें अमरता का वरदान दिया और कहा कि वे कल्प के अंत तक पृथ्वी पर रहेंगे और धर्म की स्थापना में सहयोग करेंगे।
इसी के साथ कुछ लोकमान्यताएं भी है ब्रह्मा जी का वरदान: कहा जाता है कि हनुमान जी को ब्रह्मा जी से अमरता का वरदान प्राप्त है।
योग शक्ति: हनुमान जी को एक सिद्ध योगी माना जाता है, जिनके पास अष्ट सिद्धि और नव निधि हैं। इन योग शक्तियों के कारण वे अमर हैं ऐसा माना जाता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि हनुमान जी की अमरता का विचार हमें उनके गुणों और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करता है।उनकी भक्ति, शक्ति, बुद्धि और सेवा भाव हमें एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं।